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Tuesday, August 14, 2018

शिथिल पनडुब्बी प्रशिक्षण | छोटा मगर महत्वपूर्ण टॉपिक | CTET 2018

यह एक छोटा सा लेकिन बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक है एग्जाम के लिए  - शिथिल पनडुब्बी प्रशिक्षण






हाल ही में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की एक रिपोर्ट में यह देखा गया है कि नौसेना की पनडुब्बी में क्षति नियंत्रण और अग्निशामक के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण के लिये कोई सुविधा मौजूद नहीं है। यह प्रशिक्षण में कमियों की श्रृंखला में से एक है जिस पर लेखा परीक्षक द्वारा ध्यान दिया गया है।


अप्रैल 2014 में पनडुब्बी के सभी पहलुओं पर प्रशिक्षण प्रदान करने के लिये समर्पित स्कूल, INS सातवाहन द्वारा पनडुब्बी मुख्यालय को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया जिसमें क्षति नियंत्रण और अग्निशामक के प्रशिक्षण के लिये सिम्युलेटर की आवश्यकता का संकेत किया गया था। लेकिन सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रस्ताव को अभी तक अनुमोदित नहीं किया गया है।

इसके परिणामस्वरूप, नौसेना की सुविधाओं के साथ क्षति नियंत्रण और अग्निशामक के लिये सीमित व्यावहारिक प्रशिक्षण ही प्रदान किये जाते हैं, जो जहाज़ की स्थिति पर आधारित होते हैं।

इस प्रकार, संकटपूर्ण परिस्थितियों के लिये प्रशिक्षण सुविधाओं की पहचान और बोर्ड द्वारा सिफारिश के बाद इन सुविधाओं की प्राप्ति और स्थापना में अनावश्यक देरी की जा रही है।

अगस्त 2015 में रूस निर्मित किलो वर्ग की पनडुब्बी आईएनएस सिंधु रक्षक के बोर्ड पर विस्फोट के बाद यह मुंबई बंदरगाह में डूब गई थी और 18 नाविक मारे गए थे। अगले वर्ष, आईएनएस सिंधुरत्न के बोर्ड पर आग लगने से दो अधिकारियों की मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद तत्कालीन नौसेना प्रमुख एडमिरल डी.के. जोशी ने अपना इस्तीफा सौंप दिया था।

भारत के पास पुराने पनडुब्बी बेड़े हैं जिसे 15-20 वर्ष तक सक्रिय रखने के लिये मध्य-जीवन (mid-life) उन्नयन प्रदान किया जा रहा है।

नौसेना ने पिछले साल दिसंबर में पहली फ्राँसीसी स्कॉर्पीन पनडुब्बी, आईएनएस कलवारी को शामिल किया था। यह लगभग दो दशकों में पहली नई पनडुब्बी की स्थापना है।

जैसा कि भारत अपने बेड़े में परमाणु पनडुब्बियों को शामिल करता है, ऐसे में भारत में क्षति नियंत्रण एवं अग्निशामक प्रशिक्षण और भी अधिक महत्त्व रखता है।

स्वदेश निर्मित बैलिस्टिक मिसाइल परमाणु पनडुब्बी (SSBN) आईएनएस अरिहंत को 2016 में शामिल किया गया जो परीक्षण और निर्माण के विभिन्न चरणों में है।
भारत के पास रूस द्वारा पट्टे पर प्राप्त परमाणु आक्रमण करने वाली पनडुब्बी, आईएनएस चक्र भी मौजूद है।

इस पृष्ठभूमि में नौसेना यू.के. स्थित फर्म से दो गहरी जलमग्न बचाव पोत प्रणाली स्थापित करने की प्रक्रिया में है, जो समुद्र की गहराई में किसी भी आपदा के मामले में महत्त्वपूर्ण है।

उल्लेखनीय है कि रिपोर्ट में एज़िमाला में नौसेना अकादमी परियोजना के पूरा होने में देरी को उजागर किया गया है।

रिपोर्ट में प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों के आंतरिक आकलन के परिणाम, इंजन कक्ष देखभाल प्रमाणपत्र और भारित इनपुट-आउटपुट विश्लेषण के साथ प्रशिक्षण में विभिन्न कमियों को उजागर किया गया है।

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