जानियें
आखिर क्या है पार्कर सोलर प्रोब | What is Parker Solar Probe
नासा ने सूर्य का नजदीकी अध्ययन करने वाले पहले मिशन के तहत पार्कर सोलर प्रोब को सफलता पूर्वक प्रक्षेपित किया है। पार्कर सोलर प्रोब को डेल्टा -4 नामक हैवी रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित किया गया।
पिछला
निकटतम प्रोब हेलियोस-2 था, जो वर्ष 1976 में लॉन्च किया गया था।
इस
यान का नाम पहले सोलर प्रोब प्लस था, जिसे
2017 में बदलकर खगोलशात्री ड्यूजिन पार्कर
के नाम पर पार्कर सोलर प्रोब कर दिया गया।
यह
मानव इतिहास में पहली बार होगा, जब
कोई यान सूर्य के वातावरण में प्रवेश करेगा।
अंतरिक्ष
यान ‘पार्कर सोलर प्रोब’ सूर्य की कक्षा के करीब 40 लाख मील के घेरे में प्रवेश करेगा।
पार्कर
सोलर प्रोब को सूर्य के ताप से बचाने के लिये इसमें स्पेशल थर्मल प्रोटेक्शन
सिस्टम (thermal
protection system- TPS) यानी हीट शील्ड लगाई गई है। यह शील्ड फाइबर और ग्रेफाइट (ठोस कार्बन)
से तैयार की गई है।
इस
हीट शील्ड की मोटाई 11.43 सेमी. है। सूर्य की बाहरी कक्षा इसकी
सतह के मुकाबले सैकड़ों गुना ज़्यादा गर्म होती है। इसका तापमान 5 लाख डिग्री सेल्सियस या इससे भी
ज़्यादा हो सकता है।
यह शील्ड
यान के बाहर तकरीबन 1370 डिग्री सेल्सियस का तापमान झेल सकेगी।
सभी
वैज्ञानिक उपकरणों एवं संचालन यंत्रों को इस शील्ड के पीछे व्यवस्थित किया जाएगा
ताकि ये सभी यंत्र सूर्य की रोशनी से सीधे प्रभावित न हों।
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