An Education Portal

Breaking

Friday, January 4, 2019

चांद की एक ओर अंधेरा क्‍यों रहता है?

चांद की एक ओर अंधेरा क्‍यों रहता है?

द्रमा की दूसरी ओर यान उतारने वाला पहला देश बना चीन

द्रमा की दूसरी ओर यान उतारने वाला पहला देश बना चीन

द्रमा की दूसरी ओर यान उतारने वाला पहला देश बना चीन




चीन ने चांद के अनदेखे हिस्से पर दुनिया का पहला अंतरिक्ष यान उतारने में सफलता हासिल की है. उसके अनदेखे हिस्से का अध्ययन करने के लिए पहली बार कोई मिशन लांच किया गया है. यह उपलब्धि अंतरिक्ष में सुपरपावर बनने की दिशा में चीन के बढ़ते कदम की गवाह है.

चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (सीएनएसए) ने घोषणा की कि यान चांग ई-4 ने चंद्रमा की दूसरी ओर की सतह को छुआ. चांद के इस हिस्से को डार्क साइड भी कहा जाता है.

प्रक्षेपण:


चांग ई-4 का प्रक्षेपण शिचांग के प्रक्षेपण केंद्र से 08 दिसंबर 2018 को लॉन्ग मार्च 3बी रॉकेट के जरिये किया गया था. चीन को 03 जनवरी को 2019 को सफलता हासिल हुई. ये यान अपने साथ एक रोवर भी लेकर गया है. लो फ्रीक्वेंसी रेडियो एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जर्वेशन की मदद से चांद के इस हिस्से के बारे में पता लगाएगा.

चांग ई-4 का नाम:


चंद्र अभियान चांग ई-4 का नाम चीनी पौराणिक कथाओं की चंद्रमा देवी के नाम पर रखा गया है.

मिशन के तहत घाटियों का अध्ययन:


इस मिशन के तहत वहां की भू-संरचनाओं व घाटियों का अध्ययन किया जाएगा. इसके अतिरिक्त चांद पर मौजूद खनिजों और उसकी सतह की संरचना का भी पता लगाया जाएगा. इस यान के साथ चार विशेष वैज्ञानिक उपकरण भी भेजे गए हैं जिनका इस्तेमाल मिशन के दौरान किया जाएगा.



एक सेटेलाइट भी लांच किया गया:


पृथ्वी से ना दिखाई देने के कारण चांद के उस हिस्से से सीधे संचार स्थापित करना लगभग नामुमकिन है. इसी कारण चांग ई-4 से संपर्क स्थापित करने के लिए एक सेटेलाइट भी लांच किया गया है. क्यूकिआओ नाम का यह सेटेलाइट मई 2018 में लॉन्‍च कर दिया गया था.

सोवियत संघ ने ली पहली तस्वीर:


उल्लेखनीय है कि चंद्रमा का आगे वाला हिस्सा हमेशा धरती के सम्मुख होता है और वहा कई समतल क्षेत्र हैं. इस पर उतरना आसान होता है, लेकिन इसकी दूसरी ओर की सतह का क्षेत्र पहाड़ी और काफी ऊबड़-खाबड़ है.

सोवियत संघ ने वर्ष 1959 में पहली बार चंद्रमा की दूसरी तरफ की सतह की पहली तस्वीर ली थी, लेकिन अभी तक कोई भी चंद्र लैंडर या रोवर चंद्रमा की विमुख सतह पर नहीं उतर सका था.



चीन अकादमी ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी:


चीन ने अंतरिक्ष की खोज के लिए चीन अकादमी ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी की स्थापना वर्ष 1968 में की थी. यहां 27 हजार से ज्यादा कर्मचारी हैं. यह अकादमी वर्ल्ड क्लास अकादमी में से एक है जो बेहतरीन स्पेसक्राफ्ट बनाती है.

स्मरणीय तथ्य


चन्द्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है. यह सौर मंडल का पाचवाँ,सबसे विशाल प्राकृतिक उपग्रह है. पृथ्वी के मध्य से चन्द्रमा के मध्य तक कि दूरी 3,84,403 किलोमीटर है. यह दूरी पृथ्वी कि परिधि के 30 गुना है. चन्द्रमा पर गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी से 1/6 है. यह पृथ्वी कि परिक्रमा 27.3 दिन में पूरा करता है और अपने अक्ष के चारों ओर एक पूरा चक्कर भी 27.3 दिन में लगाता है.



चांद की एक ओर अंधेरा क्‍यों रहता है?


चांद का हमेशा एक ही हिस्‍सा हमें इसलिए दिखता है, क्‍योंकि जिस गति से वह पृथ्‍वी के चक्‍कर लगाता है, उसी गति से अपनी धुरी पर भी चक्‍कर लगाता है. यही कारण है कि चांद का एक हिस्‍सा हमें नहीं दिखाई देता है.
Read More Topics :

No comments:

Post a Comment