Budget-2019 : जानिये क्या-क्या है बजट-2019 की प्रमुख घोषणाएं ? :
Budget-2019 : जानिये क्या-क्या है बजट-2019 की प्रमुख घोषणाएं ? :
-आयकर में छूट की सीमा को 5 लाख कर दिया है। साथ ही निवेश के साथ अब 6.5 लाख तक कोई टैक्स नहीं। इससे करीब तीन करोड़ लोगों को फायदा होगा।
– बैंक और पोस्ट ऑफिस में जमा राशि पर टीडीएस की सीमा 10,000 से 40,000 रुपये तक बढ़ा दी गई है।
– वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए मानक कर कटौती 40,000 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए की गई।
– देश का 22वां एम्स हरियाणा में खोला जाएगा ।
– वन रेंक, वन पेंशन के तहत 35 हजार करोड़
– GST में कटौती करके टैक्स में 80000 करोड़ की राहत।
– घर खरीदने पर GST घटाने पर फैसला विचाराधीन।
– अगले 5 साल में 1 लाख डिजिटल विलेज बनाए जाएंगे।
– रक्षा बजट 3 लाख करोड़ से ज्यादा का होगा। अतिरिक्त फण्ड भी मुहैया कराया जायेगा।
– 2030 तक सभी नदियों को साफ किया जाएगा। अगले 10 साल का विजन पेश किया।
– 2022 तक पूर्ण स्वदेश उपग्रह भेजने का लक्ष्य।
– फिल्मों की शूटिंग के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस दी जाएगी।
कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने साफ की इनकम टैक्स में छूट की तस्वीर*
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पहले लोगों का ऐसा चेहरा खिला की संसद में भी मोदी-मोदी के नारे गूंज उठे, लेकिन बाद में असली पिक्चर सामने आने पर 5 लाख से ज्यादा इनकम वालों के चेहरे लटक गए। दरअसल अंतरिम बजट में 5 लाख तक टैक्सेबल इनकम ही टैक्स फ्री की गई है।
*Union Budget 2019:* अंतरिम बजट से समाज के हर वर्ग को फायदा, बोले पीयूष गोयल
नई दिल्ली
बजट में आज 5 लाख तक की इनकम पर टैक्स छूट के ऐलान ने मिडिल क्लास को कुछ देर के लिए चक्कर में डाल दिया। पहले लोगों का ऐसा चेहरा खिला की संसद में भी मोदी-मोदी के नारे गूंज उठे, लेकिन बाद में असली पिक्चर सामने आने पर 5 लाख से ज्यादा इनकम वालों के चेहरे लटक गए। दरअसल अंतरिम बजट में 5 लाख तक टैक्सेबल इनकम ही टैक्स फ्री की गई है। टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
मतलब अब तस्वीर यह है कि अगर आपकी टैक्सेबल इनकम (टैक्स छूट घटाने के बाद) 5 लाख से ज्यादा है, तो आपको मौजूद टैक्स स्लैब के हिसाब से ही टैक्स चुकाना होगा। कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट के बाद यह बात क्लियर की और ऐसा क्यों किया, इसकी वजह भी बताई। बजट में मिडिल क्लास के लिए एक छूट की छोटी से बूंद स्टैंडर्ड डिडक्शन के जरिए आई है, जिसे 40 हजार से बढ़ाकर 50 हजार किया गया है।
5 लाख की टैक्स छूट का मतलब समझिए
छूट के लिए मिडिल क्लास से मांगा चुनावी आशीर्वाद
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि टैक्स के प्रपोजल जुलाई में आने वाले मुख्य बजट में आएंगे। उन्होंने कहा, 'मैंने टैक्स में कोई बदलवा नहीं किया है। टैक्स रेट और लिमिट के प्रपोजल मेन बजट में तय होंगे।
5 लाख की टैक्स छूट का मतलब समझिए
छूट के लिए मिडिल क्लास से मांगा चुनावी आशीर्वाद
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि टैक्स के प्रपोजल जुलाई में आने वाले मुख्य बजट में आएंगे। उन्होंने कहा, 'मैंने टैक्स में कोई बदलवा नहीं किया है। टैक्स रेट और लिमिट के प्रपोजल मेन बजट में तय होंगे।
*बताया क्यों किया ऐसा आखिर 5 लाख की आय वालों को हीयह छूट क्यों दी गई*
गोयल ने इसकी वजह भी बताई। उन्होंने कहा, 'एक ऐसा वर्ग है जो निम्न मध्यम वर्ग है। PM मोदी ने इन्हें नियो मिडिल क्लास कहा था। इन सबको अगर अभी टैक्स लाभ का पता नहीं चलता, तो टैक्स डिडक्शन के कारण फाइनल बजट तक इनकम में कटौती होती और उनकी आमदनी घटती। इससे उनको रिफंड के लिए टैक्स विभाग के पास जाना होता। इस सब असुविधा से बचाने के लिए 3 करोड़ से अधिक टैक्सपेयर्स को यह लाभ दिया गया है।' उन्होंने कहा कि जिसकी भी टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये तक है, वह इस छूट का हकदार होगा।
गोयल ने इसकी वजह भी बताई। उन्होंने कहा, 'एक ऐसा वर्ग है जो निम्न मध्यम वर्ग है। PM मोदी ने इन्हें नियो मिडिल क्लास कहा था। इन सबको अगर अभी टैक्स लाभ का पता नहीं चलता, तो टैक्स डिडक्शन के कारण फाइनल बजट तक इनकम में कटौती होती और उनकी आमदनी घटती। इससे उनको रिफंड के लिए टैक्स विभाग के पास जाना होता। इस सब असुविधा से बचाने के लिए 3 करोड़ से अधिक टैक्सपेयर्स को यह लाभ दिया गया है।' उन्होंने कहा कि जिसकी भी टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये तक है, वह इस छूट का हकदार होगा।
*_क्या है 5 लाख तक की टैक्सेबल इनकम का मतलब_*
वित्त मंत्री ने कहा कि 5 लाख तक की टैक्सेबल इनकम के सभी लोग टैक्स के दायरे से बाहर निकल जाएंगे। उन्होंने इसे समझाते हुए कहा कि इनकम टैक्स ऐक्ट में घोषित डिडक्शन के बाद टैक्सेबल इनकम की गणना होती है। अगर किसी ने डेढ़ लाख रुपये पीएफ आदि में डालें हों, घर खरीदने पर 2 लाख का ब्याज दिया हो, मेडिक्लेम आदि डिडक्शन क्लेम किया हो, तो इसके बाद जिनकी इनकम पांच लाख से कम आती है, उन पर टैक्स का बोझ नहीं पडे़गा। उन्होंने कहा कि इसका सरकार पर साढ़े 18 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। तीन करोड़ मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स को इसका फायदा होगा। छोटे व्यापारी, सैलरीड क्लास, पेंशनर्स फायदे में रहेंगे।
वित्त मंत्री ने कहा कि 5 लाख तक की टैक्सेबल इनकम के सभी लोग टैक्स के दायरे से बाहर निकल जाएंगे। उन्होंने इसे समझाते हुए कहा कि इनकम टैक्स ऐक्ट में घोषित डिडक्शन के बाद टैक्सेबल इनकम की गणना होती है। अगर किसी ने डेढ़ लाख रुपये पीएफ आदि में डालें हों, घर खरीदने पर 2 लाख का ब्याज दिया हो, मेडिक्लेम आदि डिडक्शन क्लेम किया हो, तो इसके बाद जिनकी इनकम पांच लाख से कम आती है, उन पर टैक्स का बोझ नहीं पडे़गा। उन्होंने कहा कि इसका सरकार पर साढ़े 18 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। तीन करोड़ मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स को इसका फायदा होगा। छोटे व्यापारी, सैलरीड क्लास, पेंशनर्स फायदे में रहेंगे।
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