आधार से जुडी सुविधाओं के लिये facial verification अनिवार्य
यूनीक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने आधार नंबर प्रणाली की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए फेशिअल वेरिफिकेशन अथवा फेशियल रिकग्नीशन को अनिवार्य करने का फैसला लिया है.
फेशिअल वेरिफिकेशन को अनिवार्य करने से अब जिन
सेवाओं के लिए आधार की अनिवार्यता हैं मसलन बैंकिंग, मोबाइल ऑपरेटर और सरकारी योजनाओं का
लाभ के लिए अब आधार ऑथेंटिकेशन कराने के लिए फेशियल रिकग्नीशन कराना होगा.
UIDAI द्वारा जारी निर्देश
•
यूआईडीएआई के अनुसार अब केवाईसी कराते वक्त फोटो देने के साथ-साथ
आधार ऑथेंटिकेशन के लिए अब ऑन-स्पॉट फोटो भी खींची जाएगी.
•
यूआईडीएआई ने दावा किया है कि फेशियल रिकग्नीशन से मौजूदा ऑथेंटिकेशन
प्रक्रिया को और दुरुस्त किया जा सकेगा.
•
फिलहाल आधार ऑथेंटिकेशन के लिए आंख की पुतली (आइरिस ऑथेंटिकेशन) और
उंगली के निशान (फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन) और मोबाइल फोन के जरिए ओटीपी
ऑथेंटिफिकेशन की प्रक्रिया की जाती है.
•
इस प्रक्रिया को यूआईडीएआई द्वारा 17 अगस्त 2018 को जारी किए गए सर्कुलर के आधार पर
किया जा रहा है.
फेशियल वेरिफिकेशन से लाभ
यूआईडीएआई का मानना है कि इससे आधार कार्यक्रम
को अधिक समावेशी बनाया जा सकेगा. इस कदम से उन लोगों का आधार ऑथेंटिफिकेशन आसान हो
जाएगा जिन्हें फिंगरप्रिंट के जरिए आधार वेरिफिकेशन में दिक्कत का सामना करना
पड़ता है. विदित है कि देश में बुजुर्ग जनसंख्या के साथ-साथ ज्यादातर मजदूरों का
फिंगरप्रिंट के जरिए ऑथेंटिफिकेशन कराने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
इस नए फीचर को सबसे पहले सिम कार्ड के लिए शुरू
किया जाएगा. इस प्रोसेस को 15 सितंबर से शुरू किया जाएगा. यदि कोई भी इस
सुरक्षा लेयर को पूरा नहीं करेगा तो इसे कानूनन अपराध माना जाएगा. साथ ही आधार
एक्ट 2016 के
सेक्शन 42 और
43 के
तहत जुर्माना भी लगाया जाएगा.
No comments:
Post a Comment