दस साल की सेवा वाले 13,746 अतिथि अध्यापक अब होंगे पक्के
हरियाणा के अतिथि अध्यापकों का संघर्ष करीब 11 साल के लंबे अंतराल के बाद अब रंग लाएगा। 54 छोटे बड़े आंदोलनों के बाद मनोहर लाल सरकार राज्य के सभी 13 हजार 746 अतिथि अध्यापकों को पक्का करने का सैद्धांतिक फैसला ले चुकी है।
इस सेवा शर्त के दायरे में सभी अतिथि अध्यापक कवर हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल से चर्चा करने के बाद शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने अधिकारियों को बजट सत्र के लिए विधेयक तैयार करने के निर्देश दिए हैं। अतिरिक्त निदेशक प्रवीण कुमार और वंदना दिसौदिया के नेतृत्व वाली चार सदस्यीय कमेटी ने विधेयक का मसौदा तैयार कर शिक्षा मंत्री को सौंप दिया है।
अब इस विधेयक पर कानूनी राय ली जाएगी। पिछली हुड्डा सरकार में 20 दिसंबर 2005 से 16 दिसंबर 2007 के बीच करीब 22 हजार अतिथि अध्यापकों की नियुक्तियां हुई थीं। 13 जून 2015 को सरकार ने 3581 अतिथि अध्यापकों को सरप्लस बताते हुए हटा दिया था। अतिथि अध्यापक सुप्रीम कोर्ट में यह केस जीत गए थे।
इसके बाद उन्हें पक्का करने का आंदोलन तेज हो गया। अतिथि अध्यापक 2008 से नियमित करने की मांग कर रहे हैं। पिछले 14 सालों के अंतराल में करीब आठ हजार अतिथि अध्यापक या तो दूसरे विभागों में लग गए या फिर उन्होंने नौकरी छोड़ अन्य काम धंधे अपना लिए। 2008 में अतिथि अध्यापकों को पक्का करने की मांग को लेकर राज्य में पहला बड़ा आंदोलन हुआ था।
पुलिस लाठीचार्ज और गोलीबारी में राजरानी शहीद हो गई थीं। 13 जून 2015 को 3581 अतिथि अध्यापकों को सरप्लस बताकर हटाने के सदमे में पांच अतिथि अध्यापकों ने आत्महत्या कर ली और 180 अतिथि अध्यापक अब तक विभिन्न कारणों से दिवंगत हो गए।
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