PPF, EPF और NPS, जानिए किसमें मिलता है कितना रिटर्न
पीपीएफ आपको टैक्स छूट का फायदा दिलाने के साथ ही कई अन्य फायदे भी देता है...
बाजार में ऐसी काफी सारी निवेश योजनाएं हैं जिनमें आसानी से निवेश किया जा सकता है। इन निवेश योजनाओं में ब्याज दर से लेकर टैक्स लाभ तक मिलता है। हम इस खबर में पीपीएफ, नेशनल पेंशन स्कीम और इपीएफ के विस्तार से जानकारी दे रहे हैं। सबसे पहले बात पीपीएफ की।
पीपीएफ: पीपीएफ छोटी बचत योजनाओं में एक शानदार विकल्प है। पीपीएफ आपको टैक्स छूट का फायदा दिलाने के साथ ही कई अन्य फायदे भी देता है। आप किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में पीपीएफ खाता खुलवा सकते हैं। आप पीपीएफ खाता अपने या फिर किसी नाबालिग के नाम पर खुलवा सकते हैं। आप इसमें न्यूनतम 100 रुपये का निवेश कर अपना पीपीएफ खाता खुलवा सकते हैं। हालांकि इस खाते में एक वित्त वर्ष के दौरान आपको 500 रुपये जमा कराने होते हैं। वहीं इस खाते में अधिकतम निवेश की सीमा 150,000 रुपये प्रति वर्ष तय की गई है।
इसे आप मासिक आधार पर या फिर एकमुश्त जमा करा सकते हैं। एक पीपीएफ खाते का मैच्योरिटी पीरियड 15 वर्ष का होता है,हालांकि इसके मैच्योर होने के एक वर्ष पहले इसे बढ़वाया जा सकता है। यह अवधि 5 वर्ष हो सकती है। पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज की गणना तिमाही आधार पर की जाती है। पीपीएफ पर वर्तमान में ब्याज दर 7.6 फीसद की है।
ईपीएफ (EPF): कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) 20 या अधिक कर्मचारियों वाले संगठन पर लागू होती है। ईपीएफ में योगदान को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ओर से प्रबंधित किया जाता है। ईपीएफ पर ब्याज दरें ईपीएफओ की ओर से तय की जाती हैं। फिलहाल इसपर ब्याज 8.55 फीसद प्रति वर्ष है।
एनपीएस (NPS): एनपीएस या नेशनल पेंशन सिस्टम एक खास किस्म की रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है। यह एक प्रकार की पेंशन कम इन्वेस्टमेंट स्कीम है जो कि बाजार आधारित रिटर्न की गारंटी देती है। इसकी देखरेख पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) की ओर से की जाती है। सरकारी कर्मचारियों के लिए जनवरी 2004 में शुरू की गई एक एक सरकार प्रायोजित पेंशन योजना है।
एनपीएस दो तरह के खातों की पेशकश करता है। टियर-1 और टियर-2। टियर-1 खाते में जमा पैसों को आप तब तक नहीं निकाल सकते हैं जब तक की आपकी उम्र 60 वर्ष की न हो जाए। टियर-2 एनपीएस अकाउंट बचत खाते की तरह काम करता है, जहां सब्सक्राइबर्स को पैसों की निकासी की अनुमति होती है। एनपीएस सब्सक्राइबर्स आयकर अधिनियम की धारा 80 CCD (1) के अंतर्गत कुल आय के 10 फीसद तक आयकर कटौती का दावा कर सकते हैं और 80 CCE के अंतर्गत कुल 1.5 लाख रुपये की कर छूट का दावा कर सकते हैं।
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